1: जेवर एयरपोर्ट के पहले चरण की सम्पूर्ण भूमि का तय समय सीमा में अधिग्रहण:-
जेवर एयरपोर्ट की सफलता मा० प्रधानमंत्री मोदी जी की दूरदर्शिता एवं मा० मुख्यमंत्री श्री योगी जी की कर्मठता एवं प्रतिबद्धता के कारण ही संभव हो सका है |
जेवर एयरपोर्ट के लिए पहले चरण में १३३४ हे० भूमि अर्जन की कार्यवाही प्रारंभ की एवं ०२ वर्षों की निर्धारित समय सीमा में सम्पूर्ण भूमि का कब्जा शासन को स्थानान्तरित किया | ३० हजार करोड़ रूपये की इस परियोजना में प्रथम चरण में भूमि अर्जन पर लगभग ३५०० करोड़ रूपये व्यय हुआ एवं दिल्ली के पास भूमि अर्जन की सम्वेदनशीलता को देखते हुए ऐसे क्षेत्र जहाँ भट्टा परसौल कांड के बाद एक नये कानून की आवश्यकता हुई, से सटे गाँव में भी शन्तिपूर्वक, समयबद्ध रूप से एवं पूर्ण पारदर्शिता के साथ इस कार्य को सम्पन्न कराया, जिसकी प्रशंसा मा० प्रधानमंत्री जी तथा मा० मुख्यमंत्री जी ने स्पष्ट शब्दों में की है | भूमि अधिग्रहण में कुल प्रशासनिक व्यय केवल 3(तीन) करोड़ रहा है जो ०.०९६ प्रतिशत रहा है | यह देश के भूमि अधिग्रहण के इतिहास में मेगा प्रोजेक्ट्स में सबसे कम प्रशासनिक खर्च रहा | किसानों का प्रशासन पर भरोसा इस प्रोजेक्ट की नींव रही |
2: ईस्टर्न पेरीफेरल एक्सप्रेस-वे का काम जो 14 वर्षो से रुका हुआ था, गौतमबुद्ध नगर में पूरा कराया :-
ईस्टर्न पेरीफेरल एक्सप्रेस-वे (ई०पी०ई०), जो लगभग 14 वर्षों से रुका पड़ा था, से सम्बन्धित गावों से किसानों से वार्ता कर भूमि प्रतिकर बढ़ाते हुए समस्या का हल कराया एवं अपने कार्यकाल में ४२ किमी० के एन०एच०ए०आई० के कार्य को पूर्ण कराने में सफलता प्राप्त की |
डी०एफ०सी०सी० (डेडिकेटेड फ्रेड कॉरिडोर) एवं डी० एम०आई०सी० (दिल्ली-मुंबई इंड्रस्ट्रीयल कॉरिडोर) के कार्यो को किसानों के सहयोग से प्रारंभ कराया |
3: कानून- व्यवस्था:-
यमुना नदी पर बांध बनाकर अवैध खनन करने वाले दो माफियाओं संजय मोमनाथल एवं उसके पुत्र को एन०एस०ए० (रास्ट्रीय सुरक्षा कानून) में निरुद्ध किया एवं उस क्षेत्र में अवैध खनन को अपने कार्यकाल में समाप्त कराया | इस तरह का एन०एस०ए० देश में प्रथम बार लगा है |
फ़्लैट खरीददारों से धोखा कर शाह्बेरी जैसे क्षेत्र में अवैध फ़्लैट बेचने वालों (सबसे अधिक फ़्लैट बेचने वाले एवं ऐसी बिल्डिंग जिसके गिरने से ०९ लोगों की मृत्यु हुई) को एन०एस०ए० में निरुद्ध किया | ०२ बिल्डरों को एन०एस०ए० में निरुद्ध करने का यह देश में पहला मामला था |
जनपद गौतमबुद्ध नगर में अपने कार्यकाल में वर्ष २०१९ में यू० पी० गैंगस्टर एक्ट की धारा 14 (ए) के तहत २५० सम्पत्तियां निरुद्ध की गयीं, जो कि पूरे प्रदेश में उस वर्ष सभी जिलों द्वारा अटैच्ड प्रोपर्टीज से भी अधिक थी | इससे संगठित माफियाओं पर बड़ी रोक लगी |
4: पर्यावरण मियावाकी वन, शहरी फारेस्ट्री, नए तालाब :-
जनपद गौतमबुद्ध नगर में हरित क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए लगभग २९० एकड़ भूमि पर एम० ओ०यू० कर के प्राइवेट सेक्टर की सी०एस०आर० (कॉर्पोरेट सोशल रिस्पोंस्बिलटी) की फंडिंग के द्वारा सघन वन लगवाये गये | सोरखा जैसे गांव में कभी भी इस कार्य को देखा जा सकता है | यह कांसेप्ट देश में अपनी तरह का एक यूनिक कांसेप्ट है | इस प्रकार तालाबों का कार्य हुआ |
5: शिक्षा :-
सरकारी विद्यालयों में शिक्षा के स्तर एवं बुनियादी सुविधाओं के सुधार के लिए जनपद गौतमबुद्ध नगर के प्राइवेट सेक्टर के सी०एस०आर० का काफी अच्छा उपयोग किया गया जो अपने आप में एक उदाहरण है |
6: सामूहिक सदभाव -
"सबका साथ, सबका विश्वास" :-
इस कार्यकाल में पूरे जनपद में किसी भी तरह की कोई जातिगत अथवा साम्प्रदायिक घटना नहीं घटी | सी०ए०ए० (सिटिजनशिप अमेंडमेंट एक्ट) के दौरान जब पुरानी दिल्ली एवं नए क्षेत्रो में घटनाएँ घट रही थीं, जनपद में इंटरनेट शटडाउन भी नहीं किया गया |
7: बिल्डर बॉयर समस्या :-
गौतमबुद्ध नगर में फ़्लैट खरीददारों की समस्याओं के समाधान के लिए एग्रीमेंट टू सबलीज के लीगल इंस्ट्रूमेंट की पहली बार शुरुआत करायी जो कि उत्तर प्रदेश के इतहास में प्रथमत: हुआ |
8: रेवन्यू कलेक्शन :-
इस कार्यालय के पूर्व के वर्ष में जनपद गौतमबुद्ध नगर का राजस्व संग्रह (रेवन्यू कलेक्शन) लगभग ५० करोड़ रूपये वार्षिक का था, जिसे ०३ वर्षो में बढ़ाकर २०० करोड़ रूपये वार्षिक किया गया |
9: नोएडा का ग्लोबल सस्टेनेबल सिटिज -२०2५ में शामिल होना :-
संयूक्त राष्ट्र संघ (यू०एन०ओ०) में नोएडा को ग्लोबल सस्टेनेबल सिटिज -२०2५ में शामिल किया गया और नोएडा दुनिया के ०५ यूनिवर्सिटी सिटीज में से एक हुआ | यह एक महत्वपूर्ण घटना थी जिसका प्रथम प्रयास जिलाधिकारी स्तर से राज्य सरकार के सहयोग के उपरांत हुआ |